सफलता ये नहीं देखती है, कि आप औरत हैं या मर्द। वो देखती है तो बस आपकी मेहनत और लगन। अगर संघर्षशील परिस्थितियों में भी आप मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं, तो आपको सक्सेस जरुर मिलती है। संघर्ष से सफलता की कहानियों की इस सीरीज में आज हम आपके लिए लाएं है, एक ऐसी महिला की कहानी, जिसने नौकरी छोड़कर, अपने घर के पारंपरिक बिजनेस को ट्रेंड के अनुसार बदला और करोड़ों की कमाई की।
यह कहानी बिंदिया मेहता की जिन्होंने एक परंपरागत उद्योग में कदम रखकर इसे आधुनिक ट्रेंड्स के साथ जोड़ा। बिंदिया ने न केवल टाइल्स इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि तकनीक और नवाचार से पारंपरिक व्यवसायों को एक नई दिशा दी जा सकती है।
बिंदिया मेहता ने आखिर कैसे अपने बिजनेस को नई दिशा दी?, उनके सामने क्या-क्या चुनौतियां आई, इन परिस्थितियों का उन्होंने कैसे सामना किया?, और कैसे आज वो करोड़पति बनी? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े।
व्यापारियों के घर पैदा हुई बिंदिया मेहता
बिंदिया मेहता का जन्म अहमदाबाद के मोरबी में हुआ। यहां उनके दादा और पिता का टाइल्स का बिजनेस है। बिंदिया अपने माता-पिता की एकलौती औलाद थी, तो 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने मोरबी में ही की। 12 वीं वो हायर एजुकेशन के लिए अहमदाबाद चली गईं। अहमदाबाद से स्टडी कम्प्लीट करने के बाद उनका प्लेसमेंट एक मल्टीनेशनल कंपनी में हो गया। जहां उन्होंने एक-डेढ़ साल तक नौकरी की।
परेशान होकर छोड़ी नौकरी
जिस मल्टीनेशनल कंपनी में बिंदिया जॉब कर रही थी, वहां उन्होंने फील्ड वर्क करना पड़ता था। जिस वजह से उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी। प्रमोशन के समय भी कंपनी ने उन्हें आउट ऑफ स्टेशन ट्रांसफर करनी की बात कही। जिसके लिए उनके परिवार वाले राजी नहीं हुई आखिरका जॉब में हो रही परेशानियों को देखते हुए साल 2020-21 में बिंदिया जॉब छोड़कर मोरबी आ गई।
पारिवारिक टाइल्स के बिजनेस में रखा कदम
नौकरी छोड़कर बंदिया घर तो आ गईं, लेकिन घर पर उनका मन नहीं लग रहा था। ऐसे में उन्होंने अपने पिता के साथ टाइल्स स्टोर पर आना-जाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्होंने टाइल्स की चीजों को समझना भी शुरू कर दिया। एक दिन आखिरकार उन्होंने तय किया कर लिया कि वो अपने पारिवारिक बिजनेस में ही अपना करियर बनाएंगी।
लड़की होने की वजह से हुई कई परेशानियां
टाइल्स के बिजनेस में महिला का होना थोड़ा असामान्य था। लड़की होने की वजह से शुरु-शुरु में उन्हें थोडी परेशानी भी हुई। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में बिंदिया ने बताया कि, जब ऑफिस में लोग उनके पापा से मिलने आते थे और वो वहां रहती थी, तो वे लोग नजर मिलाकर बात भी नहीं कर पाते थे। और उन्हें दूसरे केबिन में जाना पड़ता था।
शुरु-शुरु में तो लोगों को यकीन भी नहीं होता था कि एक लड़की टाइल्स इंडस्ट्री में काम कर सकती है, या बिजनेस बना सकती है। जो भी आता, वो यही कहता- इस कंपनी के साहेब कहां हैं? हालांकि बिंदिया इस बात को नजरअंदाज करते हुए अपने करियर में आगे बढ़ती गईं।
ट्रेंड को देखकर शुरु किया ऑनलाइन टाइल्सस का बिजनेस
टाइल्स के बिजनेस में कुछ अलग करने की चाह में बिंदिया ने ऑनलाइन एक्सप्लोर करना शुरू किया कि क्या कोई ऐसी कंपनी है जो ऑनलाइन टाइल्स बेच रही है? ऑनलाइन मार्केट में उन्होंने ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं देखा । पूरी मार्केट रिसर्च करने के बाद आखिरकार उन्होंने अपने बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने का निर्णय लिया।
ढाई लाख रुपए के निवेश से शुरु की Tiles Kraft
बिंदिया ने ढाई लाख रुपये का निवेश करते हुए अपने दोस्त की मदद से Tiles Kraft नाम की एक वेबसाइट बनाई। इस वेबसाइट में उन्होंने लोगों को दिखाया कि टाइल्स या सिरेमिक लगने के बाद घर का लुक कैसा होगा।
मार्केटिंग की बात करें तो अपनी वेबसाइट के लिए उन्होंने माउथ-टू-माउथ पब्लिसिटी का इस्तेमाल किया। शुरु-शुरु में उन्हें अपने दोस्त के रेफरेंस से उन्हें कुछ क्लाइंट मिले । इस तरह से उन्होंने अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया।
क्या है Tiles Kraft का बिजनेस मॉडल
बिंदिया ने इस चीज को समझा कि यह इंडस्ट्री हाथ से छूकर, नजर से देखकर पसंद करने की इंडस्ट्री है। इस बात के सॉल्यूशन के लिए उन्होंने फील एंड टच का एक कैटलॉग तैयार किया। जिसमें ओरिजिनल टाइल्स के सैंपल अटैच्ड हैं। लोग जो भी ऑर्डर मंगवाना चाहते हैं, उन्हें कंपनी के द्वारा पहले ये सैंपल भेजते हैं, फिर ऑर्डर के मुताबिक प्रोडक्ट डिस्पैच होता है।
कंपनी का सालाना बिजनेस 1 करोड़ रुपये
Tiles Kraft को अपना पहला प्रोजेक्ट अहमदाबाद से ही मिला था, जिसकी कीमत 33 हजार रुपये थी। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों को उनका काम पसंद आने लगा और उन्हें ज्यादा प्रोजेक्ट मिलने लगे। बिदिंया ने बताया है कि अब तक वो 100 से ज्यादा क्लाइंट के साथ काम कर चुकी हैं, और उनकी कंपनी साल का 1 करोड़ रुपये का बिजनेस कर रही हैं।
प्रेरणा
बिंदिया मेहता की कहानी आज के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने ये साबित किया है कि नए विचार और साहस के साथ किसी भी पारंपरिक व्यवसाय में क्रांति लाई जा सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं, चाहे वह कितना भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो। उनकी सफलता उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो समाज की बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं।