मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। अपने सपनों को सच कर दिखाने की ऐसी ही सफलता की प्रेरक कहानी है झारखंड की रहने वाली झूमा चक्रवर्ती की। झूमा आज न सिर्फ एक सफल बिजनेसवुमन हैं, बल्कि अपने अपने घर को संभालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। झूमा बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, लेकिन आज वो महीने के लगभग 1 लाख रुपये से भी ज्यादा कमा रही है।
झूमा ऐसा कौनसा काम कर रही हैं, जिनसे वो इतना पैसा कमा रही हैं? और इस काम की शुरुआत उन्होंने कैसे की, चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं –
मात्र 4000 रुपये से शुरु किया बिजनेस
झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली झूमा चक्रवर्ती बहुत ही सामान्य परिवार से आती हैं। उन्होंने केवल 12वीं तक ही पढ़ाई की है, लेकिन शुरु से ही उनके मन में इच्छा थी, की वो अपने दम पर कुछ बड़ा करके दिखाएं।
अपने इसी हौंसले के साथ उन्होंने मात्र 4,000 रुपये से ब्लाउज सिलने का बिजनेस शुरु किया। यह पैसे उन्हें उनकी मां ने दुर्गा पूजा में घूमने के लिए दिए थे। लेकिन उन्होंने इन पैसों से कुछ कपड़े खरीदें और फिर उनके ब्लाउज बनाकर बेचना शुरु कर दिया। इसी के साथ उन्होंने काथा वर्क की डिजाइनर साड़ी और ब्लाउज भी बेचें, जो उनकी दुकान की खास पहचान बनीं।
मां से सीखा हुनर
झूमा का कहना है कि उन्होंने अपनी मां से काथा वर्क सीखा, और उसी हुनर को उन्होंने पैसे कमाने की कला में बदल दिया। आपको बता दें कि काथा वर्क में सिल्क के धागे से कपड़े पर कढ़ाई की जाती है। यह कढ़ाई एकदम यूनिक होती है। कोई फ्लोरल डिजाइन होता है तो कोई खूबसूरत आर्ट एंड क्राफ्ट। झूमा यह काम खुद अपने हाथों से करती हैं।
दुकान में है हर तरह के प्रिंटेंड साड़ी और ब्लाउज का कलेक्शन
मात्र ब्लाउज बेचने से शुरु हुआ बिजनेस अब काफी ग्रो कर चुका है। आज झूमा चक्रवर्ती की दुकान पर हर तरह के प्रिंट की साड़ी और ब्लाउज का बेहतरीन कलेक्शन मिलेगा। ब्लाउज में इनके पास सिल्क से लेकर कॉटन और डिजाइनर ब्लाउज मौजूद हैं। इसके अलावा वे पारंपरिक काथा वर्क में भी ब्लाउज और साड़ी भी डिजाइन करती हैं।
लगभग 1 लाख रुपये है महीनें की कमाई
मात्र 4000 रुपये से शुरु हुए बिजनेस से झूमा आज महीने का लगभग 1 लाख रुपये कमा रही हैं। झूमा बताती हैं कि वो किसी भी हाल में क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं करती हैं। इसी वजह से उनका ब्लाउज अच्छी फिटिंग के साथ खूबसूरत लुक देता है।
शुरुआत में उन्हें ऑर्डर मिलने में समय लगा, लेकिन अब तो अगर अगर वो 1 ब्लाउज बेचती हैं, तो उन्हें 10 ऑर्डर यूं ही मिल जाते हैं। अब तो उनके पर्मानेंट ग्राहक भी बन गए हैं, जो उन्हें फोन से ऑर्डर देते हैं। इतना सबकुछ अकेले हैंडल करना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में अब वो कई साड़ी और ब्लाउज बाहर से भी बनवाती हैं।
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बेटी को आत्मनिर्भर बनाने की चाह
बिजनेस वुमन झूमा चक्रवर्ती केवल 12 वीं तक ही पढ़ पाई हैं, लेकिन उनका सपना है कि वो अपनी बेटी को अच्छे से पढ़ा लिखाकर उसे आत्मनिर्भर बनाएं। वह उसे किसी बड़े पद पर नौकरी करते हुए देखना चाहती हैं। उनका मानना है कि हर औरत को आत्मनिर्भर बनना चाहिए, ताकि उसे किसी से पैसे ना मांगने पड़े।
प्रेरणा
झूमा चक्रवर्ती आज देश की लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो घर बैठे काम करने की इच्छा रखती हैं। घर बैठे सिलाई करना महिलाओं के लिए बिजनेस आइडिया है, जिसमें कोई भी महिला घर और बाहर के काम को आसानी से संभाल सकती हैं।
आशा करते हैं कि झूमा चक्रवर्ती की कहानी से आपको कुछ ना कुछ प्रेरणा जरुर मिली होगी। इसी तरह की और भी सफलता की कहानियां पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को जरुर फॉलो करें।