जिन चीजों को आप बेकार समझ कर फेंक देते हैं, क्या आपको पता है वो चीजें आपको करोड़पती भी बना सकती हैं? जी हां, ये सच है और इस बात को सच कर दिखाया है, बेंगलुरु के रहने वाली अनीस अहमद ने।
अनीस अहमद ने नारियल के छिलकों का इस्तेमाल करके ऐसा जबरदस्त बिजनेस स्टार्ट किया, कि कुछ ही सालों में उन्होंने करोड़ों का बिजनेस शुरु कर लिया। अब यह बिजनेस क्या है? और कूड़े से करोड़ों तक का सफर उन्होंने कैसे तय किया?, ये जानने के लिए कहानी को पूरा जरुर पढ़ें।
कूड़ा देख 2014 में शुरु किया अनोखा बिजनेस
अनीस अहमद Global Green नाम के एक स्टार्टअप के फाउंडर है। जिसकी शुरुआत 2014 में हुई थी। उनका स्टार्टअप नारियल के छिलको को रियूज करके उससे कोकोपीट बनाता है। जिसका इस्तेमाल कॉयर पॉट, ईंट ब्लॉक और ग्रो बैग बनाने में किया जाता है।
उनका स्टार्टअप नारियल के छिलकों से कोकोपीट बनाता है, जिसका इस्तेमाल कॉयर पॉट, ईंट, ब्लॉक और ग्रो बैग बनाने में किया जाता है। कोकोपीट मिट्टी का ही एक विकल्प है, जिसका इस्तेमाल पेड़-पौधे उगाने के लिए किया जाता है। पहले इसकी डिमांड विदेशों में बहुत ज्यादा थी, लेकिन अब भारत में भी धीरे-धीरे इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
कैसे आया बिजनेस का आइडिया?
अनीस को बचपन से ही खेती का काफी शौक था। बालकपन में वह अपने घर के बगीचें में फल और सब्जियों भी उगाते थे। अनीस के घर के आस-पास नारियल की खेती होती थी, और उनके पिता भी नारियल के कारोबार का ही हिस्सा थे। ऐसे में बचपन से ही अनीस ने नारियल के बारे में बारिकी से जानना शुरु कर दिया।
बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने के दौरान अनीस ने जाना की, कई देश मिट्टी में पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए पीट मॉस का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें मीथेन गैस होती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इस दौरान उन्होंने जाना कि कोकोपीट एक बेहतर ऑप्शन है, तो उन्होंने तय किया कि वो कोकोपीट बनाने का ही बिजनेस शुरु करेंगे।
कैसे तैयार होता है कोकोपीट

अलग-अलग मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में अनीस ने बताया कि उनकी कंपनी नारियल के छिलकों से कोको पीट बनाने के लिए सबसे पहले उन्हें पानी में धोती है। सारी अशुद्धियों को हटाने के बाद उसका चूरा बनाया जाता है। फिर इसमें पोषक तत्वों को मिलाकर चूरे से ब्लॉक, डिस्क, ग्रो बैग तैयार किया जाता है। उनकी कंपनी इससे कस्टमाइज प्रोडक्ट भी बनाती हैं।
करोड़ों में है बिजनेस का टर्नओवर
इस बिजनेस में कमाई की बात करें तो अनीस का यह स्टार्टअप कोकोपीट बेचकर साल के करीब 75 करोड़ रुपये की कमाई कर लेता है। उनके ग्राहक भारत के अलावा और भी देशों में है। उनकी कोकोपीट की सबसे ज्यादा बिक्री यूरोप में होती है, क्योंकि वहां की मिट्टी में उर्वरता की कमी है। जिसकी वजह से लोग कोकोपीट में पेड़-पौधे उगाते हैं।
प्रेरणा
अनीस अहमद की कहानी उस सभी लोगों के लिए प्रेरणा को स्त्रोत है, जो मेहनत करने का सपना देखते हैं, और खुद अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं। आज उनकी मेहनत और लगन से उन्होंने एक ऐसा सफल बिजनेस शुरु किया, जो ना सिर्फ उन्हें मुनाफा दे रहा है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। उनका यह सफर बताता है कि अगर इंसान अपनी सोच को सही दिशा में ले जाए, तो कचरे से भी करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर सकता है।
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