सफलता की कहानी में आज हम आपको एक ऐसे स्टार्टअप की कहानी बताएंगे, जो पेड़-पौधों से जुड़ा है। इस स्टार्टअप की शुरुआत एक मां की दी हुई सीख से शुरु हुई, जिससे आज यह स्टार्टअप करोड़ों रुपये कमा चुका है।
जिस बिजनेस की हम बात कर रहे हैं, उसका नाम है Nurturing Green, जिसके फाउंडर हैं अन्नू ग्रोवर । हाल ही में यह स्टार्टअप रियलटी शो शार्क टैंक में नजर आया, जहां इसके फाउंडर ने शार्क टैंक जजों से 1 फीसदी इक्विटी के बदले जजों से 1 करोड़ रुपये मांगे। अब यह स्टार्टअप क्या है? क्या इसे फंडिंग मिली या नहीं? और इस बिजनेस ( Nurturing Green ) की सफलता की कहानी क्या है? चलिए जानते हैं…
यह भी पढ़े: Shark Tank India में दिखा WomanLikeU का जलवा
मां की सीख से आया स्टार्टअप का आइडिया
Nurturing Green एक ऐसा स्टार्टअप है, जो आपको गिफ्ट करने के लिए पौधे उपलब्ध करवाता है। अन्नू ग्रोवर इस बिजनेस के फाउंडर हैं। अन्नू ग्रोवर बताते हैं, कि इस बिजनेस का आइडिया उन्हें उनकी मां के फोन से आया।
दरअसल, अन्नू ने एक बार अपनी मां को बुके भिजवाया था, जब वह विदेश में पढ़ रहे थे। उस दिन किसी वजह से वह मां को फोन नहीं कर पाए, लेकिन जब अगले दिन उन्होंने अपनी मां को फोन किया तो उन्हें पता चला कि उनकी मां ने वह बुके फेंक दिया है। इसके बाद उन्हें लगा कि क्यों ना बुके के बजाय प्लांट तोहफे में दिया जाए, ताकि उसे फेंकना ना पड़े। इसी सोच के साथ जन्म हुआ Nurturing Green स्टार्टअप का।
बिजनेस करने के खिलाफ थे पिता
Nurturing Green के फाउंडर अन्नू ग्रोवर लखनऊ में पैदा हुए। लखनऊ से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के BIMTECH से एमबीए किया और फिर ऑस्ट्रिया जाकर ग्लोबल बिजनेस प्रोग्राम में हिस्सा लिया। 2 महीने ऑस्ट्रिया में नौकरी करने के बाद अन्नू वापस भारत आ गए।
यहां उन्होंने पेड़-पौधों का बिजनेस करने का निर्णय लिया। लेकिन उनके पिता उनके इस निर्णय के खिलाफ थे। उन्हें लग रहा था कि उनका बेटा अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पेड़ बेचेगा? उनके घर में भी बहुत से लोगों को यह आइडिया पसंद नहीं आया था। लेकिन आज जब वो इस बिजनेस से करोड़ों कमा रहे हैं, तो उनके परिवार को उनप गर्व है।
2009 में हुआ Nurturing Green की शुरुआत
2009 में भारत आने के बाद अन्नू ग्रोवर ने प्लांट्स का बिजनेस करना शुरु कर दिया। इस बिजनेस की शुरुआत प्लांट गिफ्टिंग के तौर पर शुरु हुई, लेकिन अब यह कंपनी होम डेकोर और होम गार्डनिंग के प्रोडक्ट भी उपलब्ध करवा रहा है। इस स्टार्टअप की ऑफिशियल वेबसाइट पर आपको अलग-अलग प्रकार के इनडोर प्लांट और प्लांट एक्सेसरीज मिल जाएगें। कंपनी के प्रोडक्ट 99 रुपये से शुरू होते हैं और 4999 रुपये तक जाते हैं.
यह भी पढ़े: Anish Popli (ProcMart) की सफलता की कहानी
क्या है Nurturing Green स्टार्टअप की USP ?
यह बिजनेस पूरी तरह से प्लांट्स से जुड़ा हुआ है, जिसकी USP है ‘प्लांट्स की क्वालिटी’। इस कंपनी के सारे प्लांट एक टिश्यू कल्चर लैब में पैदा होते हैं। लैब में पैदा होने के बाद इन पौधों को 70 एकड़ में फैले कंट्रोल पॉलीहाउस में ग्रो किया जाता है। Nurturing Green के ये पॉलीहाउस 4 शहरों में फैले हुए हैं।
क्वालिटी को मैंटेन करने के लिए कंपनी ने 8 स्टेप बनाए हैं। इसी के साथ यह स्टार्टअप अपने ग्राहकों को लाइफटाइम वारंटी देता है। यानी की अगर आपका पौधा मर भी जाता है, तो कभी भी आप 50% पर अपने को रिप्लेस कर सकते हैं।
करोड़ों रुपये कमा चुका है ये स्टार्टअप
Nurturing Green अब तक करोड़ों की कमाई कर चुका है। 2024-25 में इस स्टार्टअप ने 17 करोड़ रुपये की सेल की है। इसके पिछले साल उन्होंने 13.8 करोड़ की सेल्स की और उससे पिछले साल 11.8 करोड़ की सेल थी। इससे पहले कंपनी ने 9 करोड़ और उससे पिछले साल 6 करोड़ की सेल की थी। अन्नू ग्रोवर का लक्ष्य है कि 2026 तक वो उनका बिजनेस 100 करोड़ का हो जाएगा।
यह भी पढ़े: Sreshta की सफलता की कहानी: कैसे IT सेक्टर के कपल ने ऑर्गेनिक खेती से रचा इतिहास..
शार्क टैंक इंडिया में कितनी मिली फंडिंग?
हाल ही में Nurturing Green के फाउंडर अन्नू ग्रोवर शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में नजर आए, जहां उन्होंने 1 फीसदी इक्विटी के बदले जजों से 1 करोड़ रुपये की डिमांड की। कई शार्क इस डील से आउट हो गए, जबकि विनीता ने उन्हे1.25 फीसदी के बदले 50 लाख रुपये और 50 लाख रुपये 10 फीसदी की दर पर 3 साल के लिए लोन दिया। इस तरह से उन्हें कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपये की फंडिंग प्राप्त हुई।