पुरानी कहावत है कि अगर कड़ी मेहनत आपका हथियार है, तो सफलता आपकी ग़ुलाम होगी। इसी कहावत को सच कर दिखाया है बिहार के पंकज यादव सर ने। अब हम इन्हें सर इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि ये बच्चों को पढ़ाते हैं।
पंकज यादव कभी दुकान में सिर्फ 5000 रुपये की नौकरी किया करते थे, लेकिन आज वो यूट्यूब पर एक सफल अध्यापक है, और महीने के लाखों रुपये कमा रहे हैं। करियर की शुरुआत में उन्हें लोगों के बहुत तानें सुनने पड़े, लेकिन इन सबको नजरअंदाज करते हुए उन्होंने कड़ी मेहनत की लखपति बन गए। अब उनके सफलता के पीछे की कहानी क्या है? चलिए जानते हैं –
आर्थिक स्थिति से परेशान होकर बच्चों को पढ़ाना शुरु किया
पंकज यादव बहुत ही सामान्य परिवार से थे। पैसों की तंगी के चलते उन्होंने 8वीं कक्षा से ही 7-8वीं के बच्चों को पढ़ाना शुरु कर दिया। लोगों ने उनके पढ़ाने पर सवाल उठाए, लेकिन उनके छात्रों को उनकी पढ़ाई पर भरोसा था। बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते ही उन्होंने 2015 में दसवी पास कर ली।
केक शॉप में किया झाडू-पोछा लगाने का काम
भले ही पंकज अपनी ही उम्र के बच्चों को पढ़ा रहे थे, लेकिन पैसों की किल्लत पूरी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में पंकज घर से भागकर अपने दोस्त के पास मुंबई चले गए। वहां उन्होंने श्रीनाथ केक शॉप पर 5000 रुपये की पगार पर काम करना शुरु कर दिया।
केक की दुकान पर उन्हें 12-12 घंटे भी काम करना पड़ता था। इस दौरान उन्होंने झाडू-पोछा और केक की डिलीवरी जैसे काम किए । नौकरी से असंतुष्ट होकर पंकज वापस अपने गांव चले गए।
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नौकरी से निराश होकर गांव लौटें
मुंबई में नौकरी से निराश हो कर पंकज अपने गांव तो लौट आए, लेकिन यहां आने के बाद उन्हें फिर से पैसे कमाने की चिंता होने लगी। इस बार फिर से उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया और सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाना शुरु किया।
उनकी पढ़ाई से अच्छा रिजल्ट मिला तो कुछ बच्चें उनके पास कोचिंग के लिए भी आने लगे। 4-5 महीनों में ही पंकज के पास 300-400 बच्चों का बैच शुरु हो गया। पंकज अच्छा पढ़ा रहे थे, तो उनके स्टूडेंट भी बढ़ते जा रहे थे।
यूट्यूब से चमकी किस्मत, आज लाखों में हो रही है कमाई
एक दिन पंकज यादव ने यूट्यूब पर बच्चों को पढ़ाने के बारे में सोचा और खुद का यूट्यूब चैनल बनाया। शुरु-शुरु में उन्हें काफी दिक्कते आई, इंटरनेट की कमी की वजह से वीडियो अपलोड़ होने में दिक्कत होती थी। माइक नहीं था तो पंकज चिल्ला-चिल्ला कर वीडियो बनाते थे। जिसे देखकर गांव के लोग उन्हें पागल तक कहने लगे। लेकिन पंकज ने हार नहीं मानी।
आखिरकार पंकज की मेहनत रंग लाई और 1 साल में उनका यूट्यूब चैनल मॉनेटाइज हो गया। 2 महीनें बाद उन्हें यूट्यूब से पहली सैलरी मिली, जो 22 हजार रुपये थी। इसके बाद पंकज ने अपनी मेहनत को बढ़ा दिया, और अपना पूरा समय ऑनलाइन कोचिंग पर दिया। आज उनके यूट्यूब चैनल Pankaj study centre पर 1.9 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। जिससे वो महीनें के लाखों रुपये कमा रहे हैं।
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क्या है पंकज यादव की सफलता के पीछे का राज
पंकज यादव की कहानी को देंखे तो उनकी सफलता के पिछे का राज उनकी मेहनत, समर्पण और कभी हार ना मानने वाला जज्बा है। पंकज अपने जीवन में आने वाली परेशानियों से हारें नहीं। लोगों के ताने सुनकर भी उन्होंने मेहनत का हाथ नहीं छोड़ा। इसी बदौलत आज पंकज यूट्यूब पर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।