बड़े-बड़े उद्योगपतियों की सफलता की कहानी अक्सर आपको प्रभावित करती होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताएंगे, जिन्होंने 6 साल IT सैक्टर में नौकरी की पर जब वो नौकरी से परेशान हो गए तो उन्होंने गांव में ही अपना करियर तलाशाना शुरु किया। अपनी मेहनत से आज वो करोड़पति बन गए हैं।
हम बात कर रहे हैं ‘धन्य धेनु’ के फाउंडर हरि ओम नौटियाल की। जो आज अपने बिजनेस से साल के 4 करोड़ रुपये की इनकम जनरेट कर रहे हैं। नौकरी छोड़ने के बाद गांव आकर फिर से नई शुरुआत करना आसान नहीं था। उनकी सफलता के बीच बहुत सी मुश्किलें आई, लेकिन हरि ओम ने कभी भी हार नहीं मानी। आज वो दूध, दही, आइसक्रीम, आचार जैसी चीजें बेचकर करोड़ों का बिजनेस कर रहे हैं।
हरि ओम नौटियाल की सफलता के पीछे की कहानी क्या है? कैसे उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत की और उनके सफल बिजनेस का मॉडल क्या है। ये जानने के लिए आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें।
ऑफिस पॉलिटिक्स से परेशान होकर छोड़ दी नौकरी
उत्तराखंड़ के बरकोट गांव में रहने वाले हरि ओम नौटियाल ने इंजीनियरिंग में पढ़ाई कंप्लीट की। 2008-09 में उन्होंने आईटी सेक्टर में नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की थी। उस समय उनकी सैलरी 15,000 रुपये थी। शुरुआत में उनके साथ सबकुछ ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे ऑफिस पॉलिटिक्स से उनका मन ऊबने लगा।
6 साल तक उन्होंने अलग-अलग आईटी कंपनियों में नौकरी की, जहां उनकी सैलरी तो बढ़ी लेकिन हर जगह उन्हें ऑफिस पॉलिटिक्स ही देखने को मिली। साल भर काम करने के बाद भी अप्रेजल के समय जब 1-2 हजार रुपये ही बढ़कर मिलते थे। बॉस के फेवरेट एंप्लाई का इंक्रीमेंट सबसे ज्यादा होता था। इन सबसे हरि ओम इतना परेशान हो गए कि 2013 में उन्होंने जॉब छोड़ दी और वो वापस गांव आ गए।
गांव आकर दूध बेचने लगे हरि ओम
शहर में नौकरी छोड़ने के बाद हरि ओम ने गांव आकर दूध बेचना शुरु किया। यह काम उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं था। उन्हें गांव वालों के बहुत ताने सुनने को मिले। लोग कहने लगें, कि इंजिनियर की पढ़ाई करने के बाद भी यहीं काम करना था, तो मां-बाप के पैसे क्यों बरबाद किए।
हरिओम इन तानों से परेशान नहीं हुए, बल्कि उन्होंने इन तानों को अपना मोटिवेशन बनाया और कुछ बड़ा करने की ठानी। और उन्होंने गांव में चलने वाले बिजनेस आइडिया पर काम करना शुरु किया।
सेविंग्स से शुरु किया खुद का स्टार्टअप
काफी समय तक दूध बेचने के बाद हरि ओम ने डेयरी फार्मिंग करने का सोचा। इसके लिए उन्होंने अपने गांव की महिलाओं से दूध-दही,आईसक्रीम आदि बनाना सीखा। नौकरी के दिनों में हरिओम ने 25 लाख रुपये की सेविंग्स की थी।
ये सारी सेविंग्स उन्होंने डेयरी फार्मिंग में लगा दी और 2014 में उन्होंने धन्य धेनु नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। धीरे-धीरे उनका काम बढ़ने लगा, लोगों को उनके बनाएं प्रोडक्ट पसंद आने लगे। शुरुआत में हरि ओम बाइक से अपने प्रोडक्ट मार्केट में बेचने जाते थे, और आज उनका कारोबार ऋषिकेश और देहरादून के मार्केट में पूरी तरह से फैल गया है।
आज दूध-दही, आइसक्रीम, आचार बेचकर कमा रहे करोड़ो रुपये
आज हरि ओम नौटियाल ‘धन्य-धेनु’ में दूध-दही, आईसक्रीम, आचार आदि बेचते हैं। इस कंपनी में आपको 20 प्रकार के आचार और 30 प्रकार की आइसक्रीम मिल जाएगी। इस बिजनेस के टर्नओवर की बात करें तो डेयरी फार्मिंग करके हरि ओम साल का 4 करोड़ रुपये कमा रहे हैं।
अपने बिजनेस की मार्केटिंग के लिए हरिओम ने माउथ पब्लिसिटी का ही सहारा लिया। उन्होंने कस्टमर्स को बेस्ट क्वालिटी के प्रोडक्ट उपलब्ध करवाएं, जो उनके बिजनेस की USP बना।
‘धन्य-धेनु’ से गांव की महिलाओं को भी मिल रहा रोजगार
‘धन्य धेनु’ की शुरुआत करके हरि ओम नौटियाल ने ना सिर्फ खुद बड़ा बड़ा मुनाफा कमाया, बल्कि गांव की महिलाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा किए। आज बरकोट गांव की बहुत सी महिलाएं इस संस्था के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
एक समय था जब लोग हरि ओम नौटियाल को तानें दिया करते थे, उनके नौकरी छोड़ने का मजाक बनाया करते थे। लेकिन आज वहीं लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। अपनी मेहनत और सटीक रणनीती से हरि ओम ने अपनी असफलता से सफलता की कहानी लिखी। उनकी स्टोरी आज देश के हजारों युवाओं को प्रेरित करती है।
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